Saturday, December 3, 2011

रोड पर मिली ऐसी चीजें घर नहीं लाना चाहिए, क्योंकि




अक्सर ऐसा होता है कि कहीं जाते समय रोड पर कोई चीज पड़ी दिखाई देती है। कभी-कभी ये चीजें आपके काम की भी होती हैं। ऐसे में आपका मन होता है कि रोड पर पड़ी उस चीज को उठा लिया जाए। लेकिन ऐसा करने से पहले ध्यान रखें कि यदि वस्तु लौहे की हो तो उस दिन शनिवार नहीं होना चाहिए।

शनिवार के दिन लौहे की वस्तु रोड पर पड़ी दिखाई दे तो उसे घर लेकर नहीं आना चाहिए। शनिवार शनि का दिन है और लौहा शनि से ही संबंधित धातु है। अत: शनिवार के दिन ऐसा लौहा घर लेकर आना अशुभ माना गया है। ऐसा करने पर शनि दोष बढ़ता है।

यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में शनि अशुभ फल देने वाला है और वह शनिवार के दिन ऐसे लौहे की वस्तु घर ले आता है तो उसे शनि के कोप का सामना करना पड़ता है। इस दिन शनि से संबंधित वस्तुएं दान करना चाहिए। इससे शनि का दोष शांत होता है। शनि को सबसे क्रूर ग्रह माना जाता है क्योंकि इन्हें न्यायाधीश का पद प्राप्त है। न्यायाशीश होने के कारण ये ही हमें हमारे कर्मों के अनुसार फल प्रदान करते हैं। यदि किसी व्यक्ति ने जाने-अनजाने कोई पाप कर्म किया है तो शनि देव ऐसे कर्मों के लिए दण्ड अवश्य देते हैं।


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पैसों की कमी से हाथ तंग है..इस लक्ष्मी मंत्र से दूर करें तंगहाली




कर्म से नाता टूटते ही आलस्य और दरिद्रता जीवन को घेरने लगते हैं, जो अनेक दोष, विकार व पापों का कारण बन दु:ख और तंगहाली के दलदल में फंसा सकते हैं। यही कारण है शास्त्रों में भी कर्म और पुरुषार्थ की अहमियत को सबसे ऊपर माना गया है।

मान्यता है कि कर्म से जीवन को संपन्न रखने वाले पर ही देवी लक्ष्मी भी प्रसन्न रहती है। ऐसी देवी कृपा से मिले वैभव और सुख कायम रखने और अभावमुक्त जीवन जीने के लिए ही शास्त्रों में देवी लक्ष्मी की उपासना के विशेष मंत्र और घडिय़ां बड़ी शुभ मानी गई है।

इनमें देवी उपासना के विशेष काल नवमी तिथि भी प्रमुख है। जिसका योग शनिवार और रविवार के साथ बना है। जानते हैं इसमें किस मंत्र का ध्यान कर देवी लक्ष्मी की कृपा पाएं -

- नवमी तिथि पर देवी लक्ष्मी की कमल पर विराजित प्रतिमा को लाल वस्त्र बिछी चौकी पर विराजित कर देवी को जल व दूध से स्नान कराएं। लाल पूजा सामग्री जिनमें लाल गंध, लाल अक्षत, लाल वस्त्र, मौली शामिल हो, देवी को अर्पित करें।

- दूध की खीर का भोग लगाएं। नीचे लिखा विशेष देवी मंत्र बोल सुख-संपन्नता की कामना करें -

सर्वज्ञे सर्ववरदे सर्वदुष्टभयङ्करि।

सर्वदु:खहरे देवि महालक्ष्मी नमोस्तुते।।

- देवी की धूप व घी के दीप से आरती करें। दीप ज्योति व प्रसाद ग्रहण करें। सफलता, तरक्की व समृद्धि की कामना करें। लाल चंदन से स्वस्तिक घर के बाहरी दरवाजे के दोनों ओर बनाएं।



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