Friday, September 9, 2011

घर में ऐसा नहीं होना चाहिए, वरना आ सकती है गरीबी...


यदि आपको लाख कोशिशों के बाद भी भाग्य का साथ नहीं मिल पा रहा है तो निश्चित ही आपके घर में कोई वास्तु दोष हो सकता है। वास्तु शास्त्र हमारे आसपास मौजूद नकारात्मक और सकारात्मक ऊर्जा के सिद्धांतों पर कार्य करता है। हमारे आसपास फैली नकारात्मक ऊर्जा अधिक सक्रिय हो जाए तो हमें हर कार्य में असफलता का मुंह देखना पड़ सकता है। इसके अलावा धन संबंधी परेशानियां उठानी पड़ सकती हैं।

वास्तु शास्त्र और ज्योतिष के अनुसार घर में कहीं भी पानी की बर्बादी होना अशुभ माना जाता है। यदि किसी व्यक्ति के घर में नल टपकता है, दीवारों पर सीलन हो रही है, घर में कई स्थानों पर हमेशा गीला रहता है, घर के आसपास गंदा पानी जमा है तो यह सभी बातें यही इशारा करती है कि आपके घर में आर्थिक संकट खड़ा हो सकता है। ज्योतिष के अनुसार भी ऐसी परिस्थितियां कुंडली में चंद्र के खराब होने के कारण बनती हैं। चंद्र खराब होने पर आर्थिक तंगी आने की पूरी संभावनाएं होती हैं। पानी और चंद्र का सीधा संबंध माना जाता है। अत: घर में जल का अपव्यय होना चंद्र के अशुभ प्रभाव को बढ़ा देता है। इस प्रकार की परिस्थितियां निश्चित ही आपके परिवार के लिए अशुभ हैं। अत: इनसे बचने का प्रयास करें।

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ये पौधा घर में होगा तो नहीं आएंगे यमराज या यमदूत


यमराज या यमदूत का नाम आते हैं मौत का डर सताने लगता है। हिंदू धर्म में यमराज को मृत्यु का देवता बताया गया है। ऐसा माना जाता है कि जिस व्यक्ति की मृत्यु का समय आ जाता है उसकी आत्मा को लेने के लिए यमराज या यमदूत आते हैं। यमराज आने का अर्थ है साक्षात मृत्यु का आना। मृत्यु के भय को समाप्त करने के लिए शास्त्रों में कई उपाय बताए गए हैं। इन्हीं उपायों में से एक है घर में तुलसी का पौधा लगाना।

शास्त्रों में तुलसी की बड़ी महिमा बताई गई है-

तुलसीकाननं चैव गृहे यस्यावतिष्ठते।

तद्गृहं तीर्थभूतं हि नायांन्ति यमकिंकरा:।

तुलसीमंजरीभिर्य: कुर्याद्धरिहर्रानम्।

न स गर्भगृहं याति मुक्तिभागी भवेन्नर:।।

वेद-पुराण में दिए गए श्लोक का अर्थ है- जिसके व्यक्ति के घर में तुलसी का पौधा होता है वह घर तीर्थ के समान है। वहां मृत्यु के देवता यमराज नहीं आते हैं। जो मनुष्य तुलसीमंजरी से भगवान श्रीहरि की पूजा करता है उसे फिर गर्भ में नहीं आना पड़ता अर्थात उसे मोक्ष प्राप्त हो जाता है, पुन: धरती पर जन्म नहीं लेना पड़ता। इस श्लोक से स्पष्ट है कि तुलसी के पौधे को पवित्र और पूजनीय माना गया है।

यहां यमराज या यमदूत से यही तात्पर्य है कि जिस घर में तुलसी का पौधा होगा वहां रहने वाले लोगों का जीवन स्वर्ग के समान होगा। तुलसी के प्रभाव से घर में सभी सुख-सुविधा के साधन होंगे। किसी को भी मृत्यु का भय नहीं रहेगा। तुलसी का पौधा होने से वातावरण में मौजूद कई विषैले जीवाणु नष्ट हो जाते हैं। वास्तु के अनुसार तुलसी के पौधे से कई वास्तु दोषों का निवारण हो जाता है।

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