Monday, September 5, 2011

जानिए, बेडरूम में किसकी और कैसी फोटो लगानी चाहिए?


बेडरूम घर का सबसे खास स्थान होता है। इसी वजह से इस कमरे की सजावट और साफ-सफाई पर खास ध्यान रखा जाता है। कमरे में रखी वस्तुओं का पति-पत्नी के रिश्तों पर सीधा प्रभाव पड़ता है। इन बातों का ध्यान रखते हुए वास्तु में बेडरूम के संबंध में कई महत्वपूर्ण बातें बताई गई हैं।

पति-पत्नी के बीच रिश्ता हमेशा प्यारभरा बना रहे इसके लिए जरूरी है कि आपके बेडरूम में कोई वास्तुदोष न हो। इसके अलावा इस कमरे में ऐसी कोई वस्तु या फोटो नहीं होना चाहिए जो विवाद का कारण बन सकती हो या जो वास्तु दोष को बढ़ाती है या जो नकारात्मक विचारों में बढ़ोतरी करती हो। इस प्रकार की वस्तुओं तथा फोटो को शयन कक्ष में नहीं रखना चाहिए।

शास्त्रों और वास्तु के अनुसार शयन कक्ष में भगवान की फोटो या मूर्ति रखना शुभ नहीं माना जाता है लेकिन श्रीकृष्ण और राधा की प्रेम दर्शाती फोटो रखी जा सकती है। इसके अतिरिक्त बेडरूम में परिवार के सदस्यों की फोटो लगाई जाना चाहिए। इस प्रकार के फोटो में परिवार के सदस्यों मुस्कुराते हुए दिखाई देना चाहिए। ऐसी फोटो लगाने से आपका मन हमेशा ही प्रसन्न रहेगा। घर-परिवार के सदस्यों की मुस्कान देखकर मानसिक तनाव, दुख-दर्द का प्रभाव कम हो जाता है। इससे पति-पत्नी के रिश्तों में और अधिक विश्वास तथा प्रेम बढ़ता है।
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रत्न और मणियां होती हैं चमत्कारी, व्यक्ति को मिल जाता है सबकुछ


हजारों साल पुराने इतिहास से मालुम होता है कि उसी समय से रत्न और मणियों का प्रचलन है। पहले राजा-महाराजा, रानियां, मंत्री, सैनिक और प्रजा आदि के पास विभिन्न प्रकार के रत्न और मणियां होती थीं। तभी से रत्नों के जादू को स्वीकार किया जाता रहा है। ये मणियां राजा-महाराजाओं के जीवन को सफल या असफल बना देती थीं। इसी वजह से राजाओं के आभूषण और मुकुटों में दुर्लभ मणियां जड़ी होती थीं।

रत्नों और मणियों का इतिहास वैदिक काल से ही प्रारंभ हुआ। वेद-पुराणों में भी कई जगह मणियों का उल्लेख मिलता है। शास्त्रों के अनुसार भगवान विष्णु ने वैजयंती माला धारण कर रखी है। भगवान श्रीकृष्ण ने मोतियों की माला धारण की। सभी जानते हैं श्रीकृष्ण ने कौस्तुभ मणि भी धारण की।

मुगलकाल में भी बादशाहों द्वारा कई प्रकार के नगीनों और रत्नों धारण किए थे। ऐसा माना जाता है कि रत्न और मणियों में चमत्कारी शक्तियां होती हैं जो धारण करने वाले व्यक्ति की किस्मत चमका देती है। रत्नों से निकलने वाली किरणें ग्रहों के दुष्प्रभावों को भी दूर करती है। शास्त्रों और इतिहास में रत्न और मणियों के चमत्कारों से जुड़े कई उल्लेख मिलते हैं।

ज्योतिष के अनुसार सभी ग्रहों के लिए अलग-अलग रत्न बताए गए हैं। यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में कोई ग्रह दोष है या कोई ग्रह बलशाली नहीं है तो उसे ठीक करने के लिए संबंधित रत्न धारण किया जाता है। ग्रहों के दुष्प्रभावों को दूर करने के लिए रत्न किस अंगुली में पहनना चाहिए, यह भी महत्वपूर्ण है। सभी ग्रहों की अलग-अलग हमारे हाथों में अंगुली बताई गई है और उन अंगुलियों में संबंधित ग्रह का रत्न ही धारण करना चाहिए।

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