Thursday, May 5, 2011

क्या असर दिखाएगी, ये ग्रहों की उथल पुथल..



इस महीने के शुरुआती 15 दिनों में लगभग सभी ग्रह अपनी राशियां बदल रहे हैं। महीने की शुरुआत में ही मंगल अपनी राशि में आ गया है। उसी दिन राहु और केतु भी अपनी उच्च राशियों से निकल कर नीच राशि में आ गए हैं। अब 8 मई को गुरु मेष राशि में आ जाएगा। फिर 10 को शुक्र और 11 को बुध, ये दोनों ग्र्रह भी मेष राशि में आ जाएंगे। 15 मई को सूर्य अपनी उच्च राशि से निकल कर वृष राशि में चला जाएगा। 15 दिन के अंतराल में ही इतने ग्रहों का राशि बदलना  ज्योतिषिय नजरिये से अच्छा नही माना गया है। ये स्थिति अशुभ फल देने वाली रहेगी। देश- दुनिया पर इसके कई गंभीर परिणाम सामने आ सकते हैं।

इसके परिणाम स्वरूप मूल्यवान धातुओं में कमी, अचानक मौसम परिवर्तन, और कई राष्ट्रीय मुद्दे सामने आएंगे। युद्ध चाहने वाले देश शांति के प्रयासों में बाधा पहुचाएंगे। पेट्रोल-डीजल के भाव बढ़ेंगे। सरकार और जनता में असहमति और मतभेद की स्थिति बनेगी। सर्वोच्च न्यायालय के कुछ फैसलों से भी ऐसी स्थिति बन सकती है। मौसम संबंधित परिवर्तन आ सकते हैं। इन परिवर्तनों से बीमारीयां होने के योग बनेंगे। विदेशी धन से संबंधित मुद्दे निर्णयों की तरफ बढ़ेंगे। उच्च प्रशासनिक अधिकारियों के घोटालें भी सामने आ सकते हैं।

दुर्घटनाएं बढ़ेगी। नक्सलवादी, माओवादीयों जैसी हिंसक घटनाएं बढ़ सकती है।




Varinder Kumar
ASTROLOGER
Shop No 74 Ghumar Mandi
Ludhiana Punjab India
01614656864
09915081311
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अक्षय तृतीया: आज है मौका, राशि अनुसार मंत्र से पाएं पैसा ही पैसा



आज शुक्रवार को अक्षय तृतीया का योग बन रहा है। इस योग पर अखंड सुख-समृद्धि और धन प्राप्ति के लिए राशि के अनुसार अलग-अलग उपाय बताए गए हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अक्षय तृतीया के इस पर्व पर धन प्राप्ति के लिए लक्ष्मी आराधना के लिए राशि अनुसार मंत्र बताए गए हैं। अगर आप अपनी राशि के अनुसार लक्ष्मी मंत्रों का जप करेंगे तो इन मंत्रों से महालक्ष्मी जल्द ही प्रसन्न हो जाएगी और कुछ ही दिनों में इन मंत्रों का प्रभाव दिखाई देना शुरू हो जाएगा।



मेष- मंगल की राशि वाले इस पर्व पर "ऊँ ऐं क्लीं सौं:" मंत्र का जप करें।

वृष- अपने राशि स्वामी शुक्र देव के अनुसार "ऊँ ऐं क्लीं श्रीं" मंत्र का जप करें।

मिथुन- "ऊँ क्लीं ऐं सौ:" इस मंत्र का जप आपके लिए लाभदायक रहेगा।

कर्क- इस राशि वालों के लिए "ऊँ ऐं क्लीं श्रीं" मंत्र का जप लाभदायक रहेगा।

सिंह- सूर्य की राशि वालों के लिए "ऊँ ह्रीं श्रीं सौ:" मंत्र का जप धन देने वाला रहेगा।

कन्या- "ऊँ श्रीं ऐं सौं" इस मंत्र का जप करने से कन्या राशि वालों पर लक्ष्मी जी जरुर प्रसन्न होगी।

तुला- शुक्र देव को प्रसन्न करने के लिए तुला राशि वाले "ऊँ श्रीं ऐं सौं" इस मंत्र का जप करें।

वृश्चिक- "ऊँ ऐं क्लीं श्रीं" मंत्र का जप इस राशि वालों के लिए सबसे अच्छा माना गया है।

धनु- "ऊँ ह्रीं क्लीं सौं:" मंत्र का जप धनु राशि वालें करें।

मकर- इस राशि वाले लोग "ऊँ ऐं क्लीं ह्रीं श्रीं सौं:" मंत्र का जप करें।

कुंभ- लक्ष्मी जी को प्रसन्न करने के लिए कुंभ राशि के लोग "ऊँ ह्रीं ऐं क्लीं श्रीं" मंत्र का जप करें।

मीन- "ऊँ ह्रीं क्लीं सौं:" मंत्र का जप करने से मीन राशि वालों को बहुत जल्दी ही फायदा होगा।


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डायबिटीज से बचने के आसान ज्योतिषिय उपाय



डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जो आज आम हो गई है। यह पीढ़ी दर पीढ़ी बढ़ती जाती है। डायबिटीज का कारण असंतुलित भोजन तो है ही लेकिन ज्योतिष के नजरीये से देखा जाए तो शुक्र के कारण यह बीमारी हो जाती है। यदि किसी की कुंडली में शुक्र अशुभ स्थान या ग्रह के साथ हो तो उसका एक   अशुभ प्रभाव डायबिटीज होता है।



क्यों होती है यह बीमारी-

- यदि किसी कुंडली में शुक्र कन्या राशि में होता है तो उसे डायबीटिज होती है।

- शुक्र का कुंडली के छठें, आठवें या बारहवें भाव में होने से भी यह बीमारी होती है।

- कुंडली के छठे या आठवें घर में दो या दो से अधिक पाप ग्रह होने पर भी शरीर में शुगर की मात्रा बढ़ जाती है।

डायबिटिज से बचने के लिए शुक्र के उपाय-

- तांबे का पैसा या सफेद फूल गन्दे नाले में डालें।

- आठ शुक्रवार तक काली गाय को गुड़ डाल कर आटे का पेड़ा खिलाए।

- कांसे का बर्तन शुक्रवार को मन्दिर में दान दें।

- शुक्रवार को 10 वर्ष से कम उम्र की कन्याओं को खीर खिलाए।

- सफेद गाय का घी मन्दिर में दान दें।

- रोज अपने कुल के देवी देवताओं को दीपक लगाएं।

- मन्दिर में सफेद मिठाई का प्रसाद चढ़ाएं या दान दें।

- ब्राह्मण को सफेद वस्त्र का दान दें।

- सुहागन स्त्री को सौदर्य सामग्री दान दें।


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गुरु दोष शांति के लिए बोलें यह मंत्र



हिन्दू धर्म में नवग्रहों में देवगुरु बृहस्पति की उपासना ज्ञान और बुद्धि के साथ-साथ भाग्य वृद्धि, विवाह और संतान सुख देने वाली मानी गई है। वहीं भारतीय ज्योतिष शास्त्रों के मुताबिक गुरु के बलवान होने पर इंसान शास्त्र, विद्या, ज्ञान द्वारा प्रतिष्ठा, धन और सुख पाता है।

इसी तरह कुण्डली में गुरु के विपरीत योग और प्रभाव से मानसिक कष्ट के साथ भाग्य बाधा का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही विवाह और संतान बाधा आती है।

अगर आप भी ऐसी ही परेशानियों से जूझ रहे हैं तो गुरु दोष शांति के लिए यहां बताए जा रहे विशेष गुरु मंत्र का जप करें-

इस मंत्र जप के लिए विशेष रूप से गुरुवार का दिन बहुत ही शुभ होता है। इस दिन प्रात: स्नान के बाद यथासंभव पीले वस्त्र पहनकर गुरु बृहस्पति की उपासना में पीली पूजा सामग्री अर्पित करें। जिनमें खासतौर पर पीले फूल, पीले वस्त्र, पीले रंग का नैवेद्य गुरु बृहस्पति को बहुत प्रिय माने गए हैं। इसके बाद नीचे लिखे गुरु गायत्री मंत्र का जप यथाशक्ति करें -

ॐ अंगिरो जाताय विद्महे

वाचस्पते धीमहि 

तन्नो गुरुः प्रचोदयात।।

- मंत्र जप के बाद बृहस्पति की आरती कर जीवन में आ रही बाधाओं से छुटकारे की कामना करें। 




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